बुधवार, 9 सितंबर 2009

C.M.Quiz -4 [इस प्रसिद्द ईमारत को पहचानिए]

क्विज संचालन :- प्रकाश गोविन्द


आप सभी को नमस्कार !
क्रियेटिव मंच आप सभी का स्वागत करता है !
बुधवार को सवेरे 9.00 बजे पूछी जाने वाली क्विज में
एक बार हम फिर हाजिर हैं !
सुस्वागतम
Welcome

लीजिये इस बार एक आसान सी क्विज है आपके सामने !
नीचे तस्वीर को ध्यान से देखिये और पहचानिये
इस इमारत को और बताईये कि -

यह क्या है और कहाँ है ???
quiz-4
तो बस जल्दी से जवाब दीजिये और बन जाईये
आज के C.M. Quiz-4 चैम्पियन


सूचना :
माडरेशन ऑन रखा गया है इसलिए आपकी टिप्पणियों को प्रकाशित होने में समय लग सकता है ! सभी प्रतियोगियों के जवाब देने की समय सीमा रात 9.00 तक है ! क्विज का परिणाम कल सवेरे 9.00 बजे घोषित किया जाएगा !
---- क्रियेटिव मंच

विशेष सूचना :

क्रियेटिव मंच की टीम ने निर्णय लिया है कि विजताओं को प्रमाणपत्र तीन श्रेणी में दिए जायेंगे ! कोई भी प्रतियोगी तीन बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे 'चैम्पियन' का प्रमाण पत्र दिया जाएगा ! इसी तरह अगर कोई प्रतियोगी छह बार प्रथम विजेता बनता है तो उसे 'सुपर चैम्पियन' का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा ! किसी प्रतियोगी के दस बार प्रथम विजेता बनने पर क्रियेटिव मंच की तरफ से 'जीनियस' का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा !

C.M.Quiz के अंतर्गत अलग-अलग तीन राउंड (चक्र) होंगे ! प्रत्येक राउंड में 35 क्विज पूछी जायेंगी ! प्रतियोगियों को अपना लक्ष्य इसी नियत चक्र में ही पूरा करना होगा !

---- क्रियेटिव मंच

21 टिप्‍पणियां:

  1. Kali temple of Dakshineswar
    नाम: दक्षिणेश्वर काली मंदिर
    निर्माता: जान बाजार की महारानी रासमणि
    देवता: भवतारिणी काली
    स्थान: कोलकाता
    दक्षिणेश्वर मंदिर का निर्माण सन 1847 में प्रारंभ हुआ था। जान बाजार की महारानी रासमणि ने स्वप्न देखा था, जिसके अनुसार माँ काली ने उन्हें निर्देश दिया कि मंदिर का निर्माण किया जाए। इस भव्य मंदिर में माँ की मूर्ति श्रद्धापूर्वक स्थापित की गई। सन 1855 में मंदिर का निर्माण पूरा हुआ। यह मंदिर 25 एकड़ क्षेत्र में स्थित है।

    दक्षिणेश्वर मंदिर देवी माँ काली के लिए ही बनाया गया है। दक्षिणेश्वर माँ काली का मुख्य मंदिर है। भीतरी भाग में चाँदी से बनाए गए कमल के फूल जिसकी हजार पंखुड़ियाँ हैं, पर माँ काली शस्त्रों सहित भगवान शिव के ऊपर खड़ी हुई हैं। काली माँ का मंदिर नवरत्न की तरह निर्मित है और यह 46 फुट चौड़ा तथा 100 फुट ऊँचा है।

    विशेषण आकर्षण यह है कि इस मंदिर के पास पवित्र गंगा नदी जो कि बंगाल में हुगली नदी के नाम से जानी जाती है, बहती है। इस मंदिर में 12 गुंबद हैं। यह मंदिर हरे-भरे, मैदान पर स्थित है। इस विशाल मंदिर के चारों ओर भगवान शिव के बारह मंदिर स्थापित किए गए हैं।

    प्रसिद्ध विचारक रामकृष्ण परमहंस ने माँ काली के मंदिर में देवी की आध्यात्मिक दृष्टि प्राप्त की थी तथा उन्होंने इसी स्थल पर बैठ कर धर्म-एकता के लिए प्रवचन दिए थे। रामकृष्ण इस मंदिर के पुजारी थे तथा मंदिर में ही रहते थे। उनके कक्ष के द्वार हमेशा दर्शनार्थियों के लिए खुला रहते थे।

    माँ काली का मंदिर विशाल इमारत के रूप में चबूतरे पर स्थित है। इसमें सीढि़यों के माध्यम से प्रवेश कर सकते हैं। दक्षिण की ओर स्थित यह मंदिर तीन मंजिला है। ऊपर की दो मंजिलों पर नौ गुंबद समान रूप से फैले हुए हैं। गुंबदों की छत पर सुन्दर आकृतियाँ बनाई गई हैं। मंदिर के भीतरी स्थल पर दक्षिणा माँ काली, भगवान शिव पर खड़ी हुई हैं। देवी की प्रतिमा जिस स्थान पर रखी गई है उसी पवित्र स्थल के आसपास भक्त बैठे रहते हैं तथा आराधना करते हैं।
    इस मंदिर के सामने नट मंदिर स्थित है। मुख्य मंदिर के पास अन्य तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए भक्तजन की भीड़ लगी रहती है। दक्षिणेश्वर माँ काली का मंदिर विश्व में सबसे प्रसिद्ध है। भारत के सांस्कृतिक धार्मिक तीर्थ स्थलों में माँ काली का मंदिर सबसे प्राचीन माना जाता है। दक्षिणेश्वर माँ काली का मंदिर विश्व में सबसे प्रसिद्ध है। भारत के सांस्कृतिक धार्मिक तीर्थ स्थलों में माँ काली का मंदिर सबसे प्राचीन माना जाता है।

    मंदिर की उत्तर दिशा में राधाकृष्ण का दालान स्थित है। पश्चिम दिशा की ओर बारह शिव मंदिर बंगाल के अटचाला रूप में हैं। चाँदनी स्नान घाट के चारों तरफ शिव के मंदिर हैं। छ: मंदिर घाट के दोनों ओर स्थित हैं। मंदिर की तीनों दिशाएँ उत्तर, पूर्व, पश्चिम में अतिथि कक्ष तथा ऑफिस स्थित हैं। पर्यटक साल में हर समय यहाँ पर भ्रमण करने आ सकते हैं।

    regards

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  2. मंदिर की जानकारी यहाँ से ली गयी है.
    hi.wikipedia.org/wiki/दक्षिणेश्वर_काली_मंदिर
    regards

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  3. दक्षिनेश्वर काली मन्दिर-कोलकाता के उत्तर में विवेकानंद पुल के पास स्थित है। यह मंदिर बीबीडी बाग से 20 किलोमीटर दूर है।
    निर्माता: जान बाजार की महारानी रासमणि -
    इस मंदिर के पास पवित्र गंगा नदी जो कि बंगाल में हुगली नदी के नाम से जानी जाती है, बहती है। इस मंदिर में 12 गुंबद हैं। यह मंदिर हरे-भरे, मैदान पर स्थित है। इस विशाल मंदिर के चारों ओर भगवान शिव के बारह मंदिर स्थापित किए गए हैं।

    प्रसिद्ध विचारक रामकृष्ण परमहंस ने माँ काली के मंदिर में देवी की आध्यात्मिक दृष्टि प्राप्त की थी तथा उन्होंने इसी स्थल पर बैठ कर धर्म-एकता के लिए प्रवचन दिए थे। रामकृष्ण इस मंदिर के पुजारी थे तथा मंदिर में ही रहते थे।
    [-Sabhaar-wikipedia]

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  4. अजीब इमारत है
    ये कोई मंदिर , मस्जिद और गुरुद्वारा तो हो नहीं सकता और न ही चर्च दीखता है
    क्या है ये जनाब ,, ? कोई हिंट भी नहीं है

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  5. ये जगह है तो भारत में ही क्योंकि इस जगह के पास गाय बैठी है। :)

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  6. ये पारसियों की धार्मिक बिल्डिंग है - महाराष्ट्र में

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  7. मैंने इसे पहली बार आपके ब्लॉग पर देखा है, फिर कैसे बता सकता हूं?
    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  8. मैंने तो पहली बार आपके ब्लॉग पर देखा है, फिर कैसे बता सकता हूं?
    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  9. kisi coastal area ka may be Goa ka ...
    han vo gayi ko dekhkar laga India hai ..:))sahi clue diya Vivek ji ne ..:))))

    जवाब देंहटाएं
  10. हिंट :
    यह एक बहुत पुराना मंदिर है !
    स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी का इस मंदिर से
    गहरा सम्बन्ध रहा है !


    क्रियेटिव मंच

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  11. आप का ब्लॉग का रंग संयोजन आदि बहुत अच्छा है.
    और certificate का डिजाईन भी बहुत ही सुन्दर है.

    जवाब देंहटाएं

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