C.M.Audio Quiz Result लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
C.M.Audio Quiz Result लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 15 मार्च 2011

गायक येशुदास और जसपाल सिंह

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


प्रिय साथियों
नमस्कार !!!
हम आप सभी का क्रिएटिव मंच पर अभिनन्दन करते हैं।

''सी.एम.ऑडियो क्विज़- 12' के आयोजन में भाग लेने वाले
सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएं ।

इस बार हमने दो सुमधुर कर्णप्रिय गानों की ऑडियो क्लिप्स सुनवाई थीं और प्रतियोगियों से गायक और फ़िल्म के नाम बताने को कहा था। गाने थोड़े पुराने थे, फिर भी संगीत प्रेमियों ने सही जवाब देने में देर नहीं की। पहली क्लिप में फ़िल्म 'मान-अभिमान' का गाना था, जिसे 'येशुदास जी' ने गाया था। दूसरी क्लिप में फ़िल्म 'सावन को आने दो' का गाना था, जिसे 'जसपाल सिंह' जी ने गाया था।

पिछली बार हमने शेखर सुमन जी से जरा सा मजाक क्या कर लिया वो तो बिलकुल सीरियस ही हो गए। लगता है इस बार पूरी तैयारी के साथ बैठे थे :)
'सी.एम.ऑडियो क्विज -12' में सबसे पहले सही जवाब देकर शेखर सुमन जी ने एक बार फिर अपना लोहा मनवाया और प्रथम स्थान पर कब्ज़ा किया। इसके उपरान्त द्वितीय और तृतीय स्थान पर क्रमशः शुभम जैन जी और दर्शन बवेजा जी रहे।

कई प्रतियोगियों ने आधे-अधूरे जवाब भेजे। किसी ने गायक बताया तो फ़िल्म का नाम नहीं, तो किसी ने फ़िल्म का नाम बताया तो गायक का नाम नहीं। इस कारण उनका नाम विजेता लिस्ट में शामिल नहीं हो सका। राजेन्द्र स्वर्णकार जी इस बार बहुत ही करीब से चूक गए। आशीष जी दुसरे प्रश्न का जवाब देना ही भूल गए। कृतिका जी ने शायद सवाल ही नहीं पढ़ा और गायक का नाम बताने की जगह गाने के बोल लिख दिए। खैर कोई बात ....... इस बार न सही तो अगली बार सही .........

क्विज संचालन सम्पूर्ण आयोजन में अत्यंत श्रम और समय लगता है। व्यस्तता के कारण हम कुछ समय का अंतराल ले रहे हैं। अगले क्विज आयोजन की सूचना आप सभी को समय-पूर्व दे दी जायेगी। फिलहाल थोड़े दिन क्विज आयोजन स्थगित रहेगा।
आप सभी अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखिये। आप की प्रतिक्रिया और सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।

समस्त विजेताओं प्रतिभागियों को
एक बार पुनः बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।

**************************************
अब आईये - -
''सी.एम.ऑडियो क्विज-12' के पूरे परिणाम के साथ ही क्विज में पूछे गए दोनों विलक्षण गायकों के बारे में बहुत संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं :
glitter
1- यशुदास [Yeshudaas]
यशुदास केरल की उन विभूतियों मे से हैं जिन्होंने हिन्दी फिल्म संगीत पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। गायक कट्टास्सरी जॊसेफ़ यशुदास का जन्म 10 जनवरी 1940 को कोचिन में पिता आगस्टिन जोजफ और माँ एलिसकुट्टी के घर हुआ था। उनके पिता जो एक रंगमंच कलाकार और उनके पहले गुरु भी थे। येसुदास का बचपन बहुत गरीबी में बीता। ऐसा भी समय था कि वो अपने संगीत अकादमी की फीस भी बमुश्किल भर पाते थे। शुरुआत में तो 'आल इंडिया रेडिओ, त्रिवेन्द्रम' से यह भी सुनना पड़ा कि उनकी आवाज़ प्रसारण के लिए उपयुक्त नहीं है।

K._J._Yesudas_300 दक्षिण के सुर सम्राट यशुदास ने भारतीय और विदेशी भाषाओं में कुल 40,000 से उपर गानें गाए हैं। उन्हे 7 बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है, जो किसी पार्श्वगायक के लिए सब से अधिक बार है। मलयालम के कई फ़िल्मों में उन्होने बतौर संगीतकार भी काम किया है। 1955 में मलयालम फ़िल्म कालापदुकल से येसुदास ने बतौर गायक अपना कैरियर शुरू किया। 70 के दशक से लेकर 90 के दशक के शुरआती वर्षों तक उन्होने हिंदी फ़िल्म जगत में एक से एक बेहतरीन गानें गाए।

सलिल दा ने सबसे पहले उनसे सन 1975 में फिल्‍म 'छोटी सी बात' का गीत गवाया था। फ़िर रविन्द्र जैन के निर्देशन में उन्होंने 'चितचोर' के गीत गाये। येसुदास को पहचान फ़िल्म- 'स्वामी' के गीत से ही मिली। बंगला उपन्यास पर बनी यह फ़िल्म और गीत दोनों मशहूर हुए। हिंदी फ़िल्मों के लिए उन्होने जितने भी गानें गाए हैं, उनकी गुणवत्ता सौ फीसदी रही है और उनके गाये सभी गीत अत्यंत सुरीले हैं। यशुदास ने कभी भी कोई सस्ता गीत नहीं गाया, कभी भी व्यावसायिक्ता के होड़ में आकर अपने स्तर को गिरने नहीं दिया। आज जब हम उनके गाए गीतों को याद करते हैं, तो हर गीत लाजवाब, हर गीत बेमिसाल पाते हैं।

Hits-of-YESUDAS मातृभाषा मलयालम होने के बावज़ूद यशुदास जी का हिन्दी-उच्चारण बहुत लाज़वाब है। उनके गाये गीतों को सुनने के बाद विश्वास करना मुश्किल है कि यशुदास जी को हिन्दी नहीं आती। यशुदास की पवित्र सी लगने वाली आवाज गजब ढाती है…उन्होंने हिन्दी फ़िल्मों में कम ही गाया है। बड़े खेद का विषय है कि हिन्दी फ़िल्म जगत उनकी विलक्षण गायकी और असीमित प्रतिभा का उपयोग नहीं कर सका। शास्त्रीय़ संगीत की गहरी समझ रखने वाले यशुदास को संभवतः हिन्दी फ़िल्मों और गीतों का अधिक लाभ इसलिए नहीं मिल पाया, क्योंकि उनकी विशिष्ट आवाज नायकों की वास्तविक आवाज पर फिट नहीं बैठती थी। कारण जो भी हो यशुदास की अमृत सरीखी आवाज से श्रोताओं को वंचित होना पडा है।

यशुदास के गाये बेहतरीन गानों में - 'का करूँ सजनी, आए न बालम', eYesudas 'मधुबन खूशबू देता है', 'कहाँ से आए बदरा', 'दिल के टुकड़े-टुकड़े करके', 'सुरमई अंखियों में', 'ए जिन्दगी गले लगा ले', 'चाँद जैसे मुखड़े पे', 'आज से पहले आज से ज्यादा', 'गोरी तेरा गाँव बडा प्यारा', 'माना हो तुम बेहद हसीं', 'जब दीप जले आना', 'इन नज़ारों को तुम देखो', 'खुशियाँ ही खुशियाँ हों दामन में जिसके', 'ए मेरे उदास मन'...ये ऐसे गीत हैं जो संग्रहणीय हैं। यशुदास की मख़मली जैसी आवाज़ अंतरतम की गहराईयों में छा जाती है। एक खुश्‍बू सी बिखर जाती है और हमें मानों किसी और ही दुनिया में खींच ले जाती है।

येसुदास की पत्नी का नाम प्रभा है और उनके तीन बेटे हैं- विनोद, विजय और विशाल। इनके पुत्र विजय को श्रेष्ठ पार्श्वगायन के लिए 2007 में केरल राज्य फ़िल्म पुरस्कार दिया गया। 1992 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, अंतर्राष्ट्रीय संसद में सदस्यता, कई बार राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का पुरस्कार /1999 में यूनेस्को में सम्मानित। उन्होंने 1980 में त्रिवेन्द्रम में 'तरंगिनी स्टूडियो' की स्थापना भी की और 1998 में अमेरिका में भी इसकी शाखा शुरू हुई। यशुदास को 1973 में पद्मश्री एवं वर्ष 2002 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
glitter
2- जसपाल सिंह [Jaspal Singh]
jaspal singh ji
1975 में राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म 'गीत गाता चल' आयी थी। इसमें मुख्य अभिनय किया था सचिन और सारिका ने, संगीत दिया था रविन्द्र जैन ने और उन्होंने ही इस फिल्म के गीत भी लिखे थे। गीत और संगीत दोनों ही मधुर थे। इस फ़िल्म में एक ऐसे गायक को अवसर दिया गया था, जो सचिन के ऊपर काफी हद तक फिट भी बैठता था, उस गायक का नाम था जसपाल सिंह।

जसपाल सिंह ने बेहतरीन पार्श्वगायक के रूप में हिंदी फिल्मों में बहुत से गाने गाये, जिनमें बहुत से हिट हुए और कई तो आज भी उतने ही मधुर और ताजगी भरे लगते हैं जितने कल थे। जसपाल सिंह ने गीतों के रीमिक्स ही नहीं बल्कि ग़ज़ल,भजन और पारम्परिक शास्त्रीय संगीत आदि भी गाये हैं। देश-विदेश में स्टेज शो के द्वारा प्रसिद्धि भी पायी है। अपने दौर की लोकप्रिय पार्श्व गायिकाओं हेमलता, आरती मुखर्जी आदि गायिकाओं के साथ बहुत ही सुन्दर गाने दिए।

गायक जसपाल सिंह के गाये अनेकों गीत अविस्मर्णीय हैं। जिन फिल्मों में जसपाल जी ने सदाबहार गाने गाये थे, उनमें प्रमुख हैं - 'नदिया के पार', 'अंखियों के झरोखों से', 'गीत गाता चल', 'सावन को आने दो', 'श्याम तेरे कितने नाम', 'पायल की झंकार', 'जिद' 'दो यारों की यारी' इत्यादि।

साथियों बहुत आश्चर्य की बात है कि जसपाल जी जैसे सुरीले और मधुर गीत गाने वाले गायक के बारे अंतर्जाल पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। यहाँ तक की उनकी तस्वीर तक उपलब्ध नहीं हैं। वे आजकल कहाँ हैं? उनकी आखिरी फिल्म कौन सी थी जिसमें उन्होंने पार्श्वगायन किया? आजकल क्या कर रहे हैं? इस सम्बन्ध में कोई भी जानकारी नहीं मिल पा रही है। अगर आप संगीत प्रेमियों के पास गायक जसपाल जी के बारे में कुछ नयी जानकारों हो तो कृपया हमें अवगत कराएं। आपकी दी जानकारी आपके नाम से इसी पोस्ट पर अपडेट कर दी जायेगी।
glitter
क्विज में दिए गए दोनों गायकों के गानों के वीडिओ
एक बुत से मोहब्बत करके - ' 'येसुदास'
गगन ये समझे चाँद सुखी है - 'जसपाल सिंह '
glitter
"सी.एम.ऑडियो क्विज़- 12" के विजेता प्रतियोगियों के नाम
समय-सीमा पश्चात हमें विवेक रस्तोगी जी का भी पूर्णतयः सही जवाब प्राप्त हुआ
glitter
जिन प्रतियोगियों ने एक जवाब सही दिया
applause applause applause applause समस्त विजताओं को बधाईयाँ applause applause applause applause

आप सभी का हार्दिक धन्यवाद
यह आयोजन मनोरंजन के साथ साथ ज्ञानवर्धन का एक प्रयास मात्र है !
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का पुनः आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया.
.
th_Cartoon
फिलहाल हम विदा लेते हैं
आगामी क्विज़ आयोजन की पूर्व-सूचना आप सभी को दे दी जायेगी


सधन्यवाद
क्रियेटिव मंच
The End
===================================================

सोमवार, 7 मार्च 2011

गायक ग़ुलाम अली और अदनान सामी

क्विज संचालन ---- प्रकाश गोविन्द


प्रिय साथियों
नमस्कार !!!
हम आप सभी का क्रिएटिव मंच पर अभिनन्दन करते हैं।

'सी.एम.ऑडियो क्विज़- 11' आयोजन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागिओं और विजेताओं को बधाई। कल हमने दो बेहद लोकप्रिय गानों की शुरूआती धुन सुनवाते हुए गाना पहचानने और गायकों का नाम बताने को कहा था। किसी धुन को सुनकर इस तरह के जवाब देना अक्सर कठिन होता है फिर भी कुछ प्रतियोगी सही जवाब देने में सफल रहे।

इस बार बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजेन्द्र स्वर्णकार जी ने सबसे पहले सटीक जवाब देकर प्रथम स्थान पर कब्ज़ा जमाया। तत्पश्चात शुभम जैन जी ने सही जवाब देकर द्वितीय स्थान हासिल किया। पहली बार शामिल हुए आशुतोष जी ने अपने संगीत के प्रति रुझान को दर्शाते हुए पूर्णतयः सही जवाब देकर तृतीय स्थान प्राप्त किया।

पुराने माहिर प्रतियोगियों में डा० अजमल खान जी इस बार दिखाई नहीं दिए। शेखर जी इस बार फिर चूक गए... लगता है राहू उनके पीछे पड़ गया है। दर्शन जी ने इस बार बहुत ही देर बार दर्शन दिए। आशीष जी और अदिति जी ने मेहनत बहुत की। आशीष जी तो सफल हो गए किन्तु अदिति जी एक सही जवाब ही दे पायीं। सागर नाहर जी ने हमें चौंका दिया। पता नहीं क्यूँ वो इतने हिट गानों को कैसे नहीं पहचान पाए।

आप सभी अपना स्नेह यूँ ही बनाये रखिये। आप की प्रतिक्रिया और सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी। अब अगले रविवार को "सी.एम.ऑडियो क्विज़-12" में आपसे पुनः यहीं मुलाकात होगी।

समस्त विजेताओं व प्रतिभागियों को
एक बार पुनः बहुत-बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।

**************************************
अब आईये -
''सी.एम.ऑडियो क्विज-11' के पूरे परिणाम के साथ ही क्विज में पूछे गए दोनों प्रसिद्ध गायकों के बारे में बहुत संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं :
glitter
1- ग़ुलाम अली [Ghulam Ali]
gulam ali live concert
कहते है संगीत सरहदें नहीं मानता, सीमाए नही जानता। अच्छा संगीत भाषाओं के बन्धनों को भी नही मानता। सही भी है ये बात, वरना हम अंग्रेजी, अरबी,स्पैनिश और ना जाने किस-किस भाषा के संगीत को पसन्द ना करते होते। लेकिन जनाब, हमारी सीमा पार पाकिस्तान मे तो संगीत प्रतिभाओं का खजाना है। कौन संगीत प्रेमी होगा जो ग़ज़ल गायक ग़ुलाम अली को न जानता हो। ग़ुलाम अली के चाहने वाले हिन्दुस्तान की हर गली मे मिल जाएंगे।

Ghulam_ali ग़ुलाम अली साहब, जो कि बड़े ग़ुलाम अली साहब के शागिर्द हैं और जिनके नाम पर इनका नामकरण हुआ है, गज़लों में रागों का बड़ा हीं बढिया प्रयोग करते हैं। बेशक हीं ये घराना-गायकी से संबंध रखते हैं, लेकिन घरानाओं की गायकी को गज़लों में पिरोना, इन्हें बखूबी आता है। ग़ुलाम अली साहब की आवाज़ में वो पुरकशिश ताजगी है, जो किसी को भी दीवाना बना दे। ग़ुलाम अली खां साहब का अलग गायकी का अंदाज, गज़लों का सिलेक्शन और सुर ताल की लय, देखते ही बनती है।

20100412-102137-290573पाकिस्तान के सियालकोट के रहने वाले ग़ुलाम अली बीते 55 सालों से ग़ज़ल गायकी कर रहे हैं। हिन्दी फिल्मों मे भी उन्होने काफी गाया है। उन्होंने बी.आर. चोपड़ा की फिल्म ‘निकाह’ के लोकप्रिय गीत ‘चुपके चुपके रात दिन’ से भारतीय सिनेमा में शुरुआत की थी। उनकी अन्य लोकप्रिय ग़ज़लों में ‘हमको किसके गम ने मारा’, ‘कल चौदहवीं की रात थी’, ‘हंगामा है क्यों बरपा’, 'दिल में एक लहर सी उठी है', ‘ये दिल ये पागल दिल मेरा’, ‘चमकते चांद को’ आदि शामिल हैं।

ग़ुलाम अली को भारत में संगीत प्रेमियों के समक्ष गाना gulam_ali.pngबहुत पसंद है। ग़ज़ल गायकों में जगजीत सिंह को वह बेमिसाल मानते हैं। उनकी ख्वाहिश है कि एक बार वो स्वर साम्राज्ञी लता मंगेश्कर के साथ भी गाएं। उन्हें पहले एक बार गाने का मौका मिला था लेकिन रिकॉर्डिंग न हो पाने की वजह से उनकी तमन्ना अधूरी रह गई। ग़ुलाम अली शास्त्रीय और लोक संगीत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। वो कहते हैं- ‘मेरे लिए लोक गीतों का पहला स्थान है। उसके बाद शास्त्रीय संगीत और फिर ग़ज़ल आता है। मैं जब भी तनाव में होता हूं तो शास्त्रीय संगीत सुनता हूं।’

gulamali ग़ुलाम अली कहते हैं कि 'आज के गायकों को सही प्रशिक्षण की आवश्यकता है। ग़ज़ल गायकी आसान नहीं है। आपको उर्दू शब्दों का सही उच्चारण सीखने व सही ढंग से गाने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत होती है। इस सब में समय लगता है और आज-कल के गायक इस पर ध्यान नहीं देते हैं।’

भारत-पाकिस्तान संबंधों में मौजूदा तनाव के बारे में ग़ुलाम अली ने कहा कि यह ठीक नहीं है। प्रेम से जिंदगी गुजरनी चाहिए। कलाकार तो वैसे भी किसी सरहद के बंधे नहीं होते। लताजी को पाकिस्तान में उतना ही प्यार मिलता है जितना मुझे हिन्दुस्तान में।
glitter
2- अदनान सामी [Adnaan Sami]
adnan sami before and after
कुछ समय पूर्व तक गायक अदनान सामी की छवि सबके मन में हद से ज्यादा मोटे-गोलमटोल और हमेशा हँसते-गाते इंसान के रूप में बसी हुई थी। वह अत्यधिक मोटे थे, यकायक चमत्कार सा हुआ और अदनान सामी बिल्कुल बदले हुए सामने आये। उन्होंने पूरे 104 किलो वजन कम किया है और अभी 25 किलो वजन और कम करने का लक्ष्य मन में साधा है।

अदनान सामी का जन्म लन्दन में हुआ,
बचपन ब्रिटेन में गुज़रा और बोर्डिंग स्कूल में उन्होंने अपनी पढ़ाई की। उनके पिता, अरशद सामी खान पाकिस्तान के राजनयिक थे। अदनान एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे, जिसका संगीत और मनोरंजन के क्षेत्र से कोई वास्ता नहीं हैं। उन्होंने इंग्लैंड में वकालत की, साथ ही पत्रकारिता में स्नातक भी किया। उनकी माँ ने अदनान के संगीत-शौक को कभी गंभीरता से नहीं लिया, माँ की तमन्ना थी कि मेरा बेटा वकालत की पढ़ाई करे, जब अदनान ने वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद अम्मी से कहा कि अब तक मैंने वो सब किया जो आप चाहती थीं, अब मैं वो करना चाहता हूं जो मैं चाहता हूं। इससे वह बहुत अपसेट हो गईं, उन्होंने कहा यह भी कोई काम है, अगर तुम्हें यही सब करना था तो इतनी मेहनत क्यों की हमने।

शुरुआत में अदनान सामी सिर्फ़ पियानो बजाते थेadnan sami और गाने कंपोज़ करते थे, खुद गाने की तरफ़ उनका कोई ध्यान नहीं था। उन्होंने नौ साल की उम्र में गाने कंपोज़ करना शुरू किया. बाद में उनका ध्यान इंडियन क्लासिकल म्यूजिक की तरफ़ गया। उन्होंने पंडित शिव कुमार शर्मा जी से सीखा भी है। यह संगीत के क्षेत्र में उनकी क्रमिक विकास-यात्रा थी। अदनान सामी पियानो वादक के रूप में बेहद दक्ष हैं। उनके नाम सबसे तेज़ पियानो बजाने का विश्व रिकार्ड भी है।

जब पाकिस्तानी गायक अदनान सामी सिर्फ 10 वर्ष के थे तब लन्दन में उन्होंने अपनी कैसेट आशा भोसले जी को सुनाई। आशा जी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और हँसते हुए कहा कि मैं एक दिन तुम्हारे साथ गाना पसंद करूंगी, उसके बाद उन्होंने मुझे पंचम दा से मिलवाया। जब अदनान बडे हुए तब आशा जी के साथ’कभी तो नजर मिलाओ’ एलबम मे गीत गाया जो काफी प्रसिद्ध रहा। फिर ‘बरसे बादल’ नामक एलबम में भी अदनान सामी ने आशा जी के साथ गाया।

INDIA-ARTS-ENTERTAINMENT-BOLLYWOODअदनान सामी ने पांच वर्ष की नन्ही उम्र में पियानो बजाना सीख लिया था और सोलह वर्ष की उम्र में उन्हें यूथोपिया में आई प्राकृतिक त्रासदी पर एक गीत लिखने के लिए यूनीसेफ ने खास पुरस्कार से नवाजा था। अब अदनान के बेटे अजान अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते नजर आ रहे हैं। पन्द्रह वर्षीय अजान निर्देशक प्रियदर्शन की फिल्म बम बम भोले से संगीतकार के रूप में अपने करियर का आगाज करने जा रहे हैं। जल्द ही सोनी म्यूजिक कंपनी उनका पहला म्यूजिक एलबम भी रिलीज करेगी।
glitter
क्विज में दिए गए दोनों गायकों के गानों के वीडिओ
चमकते चाँद को... 'ग़ुलाम अली'
इश्क होता नहीं ...'अदनान सामी'
glitter
"सी.एम.ऑडियो क्विज़- 11" के विजेता प्रतियोगियों के नाम
glitter
जिन प्रतियोगियों ने एक जवाब सही दिया
applause applause applause समस्त
विजताओं को बधाईयाँ
applause applause applause
applause applause applause applauseapplauseapplauseapplause applause applause applause
आशा है जो इस बार सफल नहीं हुए वो आगामी क्विज में अवश्य सफल होंगे
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद

यह आयोजन मनोरंजन के साथ साथ ज्ञानवर्धन का एक प्रयास मात्र है !

अगर आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें ज़रूर ई-मेल करें!
अंत में हम सभी प्रतियोगियों और पाठकों का पुनः आभार व्यक्त करते हैं
जिन्होंने क्रियेटिव मंच की क्विज़ में शामिल होकर हमारा उत्साह बढाया.
th_Cartoon
13 मार्च 2011, रविवार को हम ' प्रातः दस बजे' एक नई क्विज के साथ यहीं मिलेंगे !

सधन्यवाद
क्रियेटिव मंच
The End
===================================================